कोरोना वैक्सीन लगाना चाहिए या नहीं ? Covishield Vs Covaxin

जिस तरह दुनिया कोरोना वायरस जैसे भयंकर महामारी से लड़ रही थी तो उस समय किसी भी डॉक्टर और वैज्ञानिक द्वारा कोरोना का वैक्सीन बनाने में असमर्थ हो रही थी  फिर जब जैसे ही इंडिया के डॉक्टर और वैज्ञानिक ने मिलकर कोरोना Vaccine बनाई तब जाकर लोगों को एक चैन की सांस लेने लगे , लेकिन कोरोना वैक्सीन बन जाने पर भी  कोरोना वैक्सीन सवालों के घेरे पर आ खड़ी थी लोगों के मन में सबसे ज्यादा सवाल यह उठ रहा था कि क्या कोरोना Vaccine लोगों के लिए Safe है क्या लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाना चाहिए या नहीं ? आखिर कोरोना वैक्सीन लगवाए तो लगवाए क्यों ? क्या कोरोना Vaccine लगवाने से कोरोनावायरस नहीं होगा ? इस तरह के बहुत सारे सवाल सभी लोगों के मन में सभी डॉक्टर वैज्ञानिक के मन में आते ही रहे । 

तो फ्रेंड आज के इस Article में हम जानने वाले हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाना चाहिए या नहीं (Corona vaccine should be given or not) और कौन सी कोरोना वैक्सीन लगाना है कोरोना वैक्सीन कितने प्रकार के होते हैं कोरोना वैक्सीन किस व्यक्ति को लगवाना चाहिए और किस व्यक्ति को Corona Vaccine  नहीं लगवाना चाहिए तो दोस्तों आप लास्ट तक हमारे साथ बने रहिए और जानिए कि को कोरोना वैक्सीन से जुड़े हर एक सवाल जिसका जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा.

आपको Covid-19 Vaccine लगवाने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर Corona vaccine होता क्या है ? और यह कोरोना वैक्सीन काम कैसे करता है ? तो दोस्तों सबसे पहले हम जानेंगे कोरोना वैक्सीन क्या होता है  What Is Corona Vaccine In Hindi

कोरोना वैक्सीन लगाना चाहिए या नहीं ?

कोरोना वैक्सीन कैसे काम करती है । (How does the corona vaccine work?)

जैसे ही Vaccine मनुष्य के अंदर में प्रवेश करती है तो जो  कोरोनावायरस स्‍पाइक प्रोटीन को जन्म देने की प्रक्रिया स्टार्ट कर देती है जब Vaccine मनुष्य के शरीर में जाता है तो एंटीबॉडी और साथ में T-Cell को एक्टिव करने लगता है ऐसे में कोरोनावायरस से संक्रमित कोशिकाएं मर जाती है और किसी मनुष्य के अंदर में एंटीबॉडी निर्माण हो जाती है उसी प्रकार Corona Vaccine  किसी मनुष्य को दिया जाता है और मनुष्य के अंदर एंटीबॉडी निर्माण करके कोरोनावायरस को नष्ट करता है 

Corona Vaccine के प्रकार  (Types of Corona Vaccine)

 बेसिकली हम इंडिया की बात करें तो सिर्फ दो प्रकार की कोरोना Vaccine सबसे ज्यादा यूज किए जा रहे हैं जिसमें पहला है Covishield और दूसरा है को वैक्सीन (Covaxin) यही Vaccine है जिसे इंडिया में ही सबसे ज्यादा यूज किया जा रहे हैं दोस्तों अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा की कविशिएल्ड लगवाए या फिर कोवाक्सिन लगवाए । तो दोसत इसका जवाब भी हम आपको देने वाले है। 

वैक्सिनेशन प्रोग्राम दूसरे चरण में पहुंच गया है जहां 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ साथ उन लोगों को भी वैक्सीन लगेगी जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा है लेकिन ये लोग दो या उससे ज्यादा गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। वैक्सीनेशन के पहले चरण में 1.45 करोड़ हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लग चुकी है Covishield जिस Serum institute of india प्रड्यूस कर रहा है और इस वैक्सीन को बनाया है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने और दूसरी वैक्सीन है भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की वैक्सीन Covaxin को-वैक्सीन।

लेकिन आपको कौन सी वैक्सीन चुननी चाहिए आपके लिए या आपके परिवार के लिए कौन सी वैक्सीन बेहतर रहेगी। वैक्सीन लगाने से पहले ये Article देख लीजिए। दरअसल ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि 16 जनवरी से जब वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ था उसके बाद से 14 फरवरी तक वैक्सीन लगाने के बाद 27 लोगों की मौत दर्ज की गई। हालांकि सरकार का कहना है कि इन मौतों का और वैक्सीनेशन का कोई संबंध नहीं है लेकिन आपको कौन सी वैक्सीन अपने लिए चुननी चाहिए या अपने परिवार के लिए चुननी चाहिए इसे तय करने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि कोई वैक्सीन और को भी शरीर किस तरह से बनी है और ये कितनी प्रभावशाली है। Covishield & Covaxin को वैक्सीन के बीच में एक समानता ये है कि ये दोनों ही वैक्सीन दो डोज में दी जाएगी। पहली डोज के बाद दूसरी डोज देने का वक्त 28 दिन का है। हालांकि दूसरी डोज लेने के 15 दिन बाद ही कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी शरीर में तैयार हो सकेंगी। इसलिए ये मान लेना कि अगर आपने पहली या दूसरी डोज ले ली है और आप कोरोना से सुरक्षित हैं आपका ये सोचना गलत है।

Covaxin :-

पहले बात करते हैं को वैक्सीन की कुछ वैक्सीन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और पुणे स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बनाया है।

Co-Vaccine को बनाया कैसे गया है। ?

दरअसल को वैक्सीन एक इन एक्टिवेटेड वाइरस है बीमारी पैदा करने वाले वायरस को निष्क्रिय करके ये वैक्सीन बनाई गई है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना वायरस के प्रति ऐक्टिव किया जा सके। Co-Vaccine का ट्रायल जानवरों पर हो चुका है। इसके अलावा पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में 800 वॉलंटियर्स ने भी हिस्सा लिया। जबकि तीसरे चरण का ट्रायल 26 हजार लोगों पर किया गया ।

अब ट्रायल के नतीजे क्या रहे।

दरअसल को वैक्सीन का डाटा अभी तक रिलीज नहीं किया गया है। भारत बायोटेक का कहना है कि तीसरे चरण का एफिशिएंसी डाटा मार्च के अंत तक आएगा। इसके बाद इसकी रेगुलेटरी मंजूरी ली जाएगी। कंपनी इसका चौथा चरण भी जारी रखेगी जिसमें कुछ सालों तक प्रतिभागियों की निगरानी की जाएगी।

Covishield :-

अब बात करते हैं Covishield Vacccine की ,  ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ब्रिटिश स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाई है। भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इसका मैन्युफैक्चरिंग और ट्रायल पार्टनर है।

Covishield को बनाया कैसे गया है ?

दरहसल Covishield चिम्पांजी Adnovirus पर आधारित वैक्सीन है। इसमें चिम्पैंजी को संक्रमित करने वाले वायरस को अनुवांशिक तौर पर संशोधित किया गया है ताकि इंसानों में न फैल सके। इस संशोधित वायरस में एक हिस्सा कोरोना वायरस का है जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। ये वैक्सीन शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स बनाती है जो स्पाइक प्रोटीन पर काम करता है। ये वैक्सीन एंटीबॉडी और मेमरी सेल्स बनाती है जिससे Covid-19 के वायरस को पहचानने मदद मिलती है और अगर शरीर में कभी भी कोरोना वायरस ने अटैक किया तो आपका शरीर इस वायरस को पहचानकर इसका खात्मा कर देता है। Serum Institute Of India ने 23 हजार 745 से ज्यादा लोगों पर पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल किया। इसके नतीजों में 70.42 फीसदी प्रभावशीलता वाला बताया गया। इसके दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल 1600 लोगों पर अभी भी चल रहा है।

Covishield & Covaxin की कीमत कितनी है ?

अब इसकी कीमत क्या होने वाली है। दरहसल सरकारी अस्पतालों में दोनों ही वैक्सीन मुफ्त में मिलेंगी लेकिन अगर आप ये वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों में लगाना चाहते हैं तो आपको ये दोनों ही वैक्सीन 250 रुपये प्रति डोज मिलेगी। देश में कई लोगों के अंदर अभी भी वैक्सीन को लेकर झिझक है जिसे Vaccine Hazitensi कहा जाता है

वैक्सीन से मरने वाले लोगो का जिम्मेदार कौन ?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने Corona वैक्सीन को लेकर कहा है कि वैक्सीन लगाने के चार या दस दिन बाद अगर किसी की मौत हो जाती है तो इसमें टीके को जिम्मेदार नहीं माना जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का ये भी कहना है कि एक्सपर्ट्स ने इस बात की पड़ताल की है कि अब तक कोरोना की वैक्सीन लगने से एक भी शख्स की मौत नहीं हुई है। केंद्रीय मंत्री का ये भी कहना है कि। लगाने के बाद सूजन या बुखार जैसे लक्षण काफी कम है। इतना तो नॉर्मल वैक्सीनेशन में भी होता है। उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीनेशन लगाने के बाद अस्पतालों में भर्ती होने की दर है 0.0004 जो बिल्कुल ना के बराबर है ।

कौन सी वैक्सीन लगवाना चाहिए (Covishield Vs Covaxin)

दोस्तों आपको बता दे की दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है आप दोनों में से किसी भी वैक्सीन को लगवा सकते है ।

 

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