एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त कारण और घरेलू उपाय

एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त कारण और घरेलू उपाय -Symptoms, Causes and Home Remedies for Acidity

एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त  खट्टी डकारें (HYPER-ACIDITY) कारण और घरेलू उपाय -Symptoms, Causes and Home Remedies for Acidity– दुष्ट, अम्ल विदाही तथा तीक्ष्ण पदार्थों के सेवन से, चर्बी वाली खाद्य वस्तुएं अधिक खाने से, अधपका माँस खाने से, दाँत खराब होने के कारण तथा भोजन का ठीक प्रकार पाचन न होने आदि कारणों से यह रोग हो जाता है।
Best Small business idea in hindi


एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त  खट्टी डकारें  acidity symptoms
Acidity symptoms– संक्षेप में यह रोग बदहज्मी का साधारण सा लक्षण है। खाई हुए खुराक में खटास उत्पन्न होकर यह रोग होता है।
कौड़ी प्रदेश में पीड़ा, जलन और शोथ होती है। भोजन के 1-2 घन्टे बाद
यह लक्षण दिखलायी देता है।
खाना (मीठा) सोड़ा लेने से वेदना थोड़ी देर के लिए शान्त हो जाती है। खट्टी डकारें तो कभी-कभी तो इतनी आती है कि मुख में खट्टा पानी सा आने लग जाता है जिससे स्वाद बिगड़ जाता है।


अधपचा भोजन मल में निकलता है। कभी-कभी रोगी को अतिसार (दस्त) भी हो जाते हैं। रोग बढ़ने पर अरुचि, शिरःशूल, उबकाई, उदरशूल (आमाशयिक पीड़ा) तथा चमड़ी पर चकत्ते निकलना आदि लक्षण भी हो जाते है।
एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त होनेपर क्या करे और क्या ना करे
  • एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त उपचार:-भोजन की ओर विशेष ध्यान दें।
  • शराब, माँस, मिर्च, मसाले, चाय, काफी, तम्बाकू छुड़वा दें।
  • आँवला या अनार को छोड़कर कोई अन्य खट्टा फल खाने को न दें।
  • मैदायुक्त भोजन, आलू, गरिष्ठ भोजन, बासी भोजन तथा अधिक मात्रा में शक्कर या इससे बनी मिठाइयाँ न दें।



  • नये रोग में अण्डे, मछली,दूध, पनीर आदि केवल प्रोटीन वाली वस्तुएं दें। कुछ दिन बाद आराम होने पर मक्खन, मलाई आदि की चिकनी वस्तुएं देना आरम्भ करें।
  • सुबह अन्डा,पूर्वाह्न में हल्का भोजन, दोपहर में दूध तीसरे पहर .मक्खन लगे टोस्ट, और शाम को हल्का खाना दें।
  • खाने के बाद खाना सोड़ा (सोडा बाई कार्ब) या जैतून का तेल (ओलिव आयल) या चूने का पानी नित्य 10 ग्राम तक थोड़ा-थोड़ा करके पिलायें। इससे अम्ल रस कम बनेगा खाना (मीठा) सोड़ा शहद में मिलाकर 4-4 घन्टे बाद चटाने से भी लाभ मिलता है।
एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त घरेलू उपचार – Home remedies for acidity
  • करेले के फूल या पत्तों को घी में भूनकर उनका चूर्ण बनालें। 1-2 ग्राम चूर्ण दिन में 2/3 बार खाने से अम्ल पित्त में लाभ होता है।
  • जीरा (श्वेत) तथा धनिया को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर खिलायें, अम्लपित्त में लाभप्रद है।
  • सन्तरे के रस में थोड़ा जीरा (भुना हुआ) और थोड़ी मात्रा में सैंधा नमक मिलाकर पिलाने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
  • बच के चूर्ण को 2-4 रत्ती की मात्रा में शहद या गुड़ के साथ सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
  • नित्य 1 तोला चूने का निथरा हुआ पानी पीने से अम्लपित्त में आशातीत लाभ होता है।
  • पिप्पली चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में मिश्री के साथ नित्य सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है। एक माह प्रयोग करें।
  • मुलहठी के चूर्ण को मधु तथा धृत की असमान मात्रा में मिलाकर चटाने से अम्लपित्त में लाभ होता है। यदि शहद 5 ग्राम लें तो घृत 10 ग्राम ।
  • मुनक्का 50 ग्राम तथा सौंफ 25 ग्राम दोनों को जौ कूट कर 200 ग्राम पानी में रात को भिगों दें। प्रात:काल मसल, छान कर उसमें दस ग्राम मिश्री मिलाकर पिलायें। अम्लपित्त में लाभ होता है।
  • शंख भस्म 1 ग्राम तथा सोंठ का चूर्ण आधा ग्राम दोनों को मिलाकर शहद के साथ चटावें। अम्ल पित्त दूर भाग जाता है।



 FINAL WORD

FRIEND’S अब आपने जान लिया की एसिडिटी (Acidity) या आम्लपित्त बीमारी कैसे होती है । यह बीमारी होनेपर क्या करे और क्या न करे।

दोस्तों अगर हमारी ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट शेयर जरूर करे आपके एक शेयर करने से किसी को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलेगी ।





error: Content is protected !!