आध्मान, अफारा Flatulence Causes, remedies, and complications
Flatulence अफारा रोग परिचय, लक्षण एवं कारण- दोस्तों कही बार आप को अफारा की परिशानी हुयी होगी जिसे आप पाद नाम से जानते हो आज हम आपको इस परेशानी के बारे में सारी जानकारी देनेवाले है।
Flatulence अफारा रोग अजीर्ण, मन्दाग्नि, और अतिसार के कारण पेट में वायु भर कर जब पेट फूल जाता है, तब पेट में अफारा आ जाता है।
अफारे का अर्थ है-पेट में हवा (वायु) का रुक जाना या गैस बनना।
अनियमित आहार या अत्यधिक भोजन, आमाशयशोथ, पित्तजन्य अजीर्ण,
आमाशय का अकस्मात फैल जाना, मानसिक-अस्थिरता तथा आमाशय के
दीवार की कमजोरी। बार-बार या हद से ज्यादा खाई हुई चीजें हज्म नहीं होने पर पेट अक्सर फूल जाता है।
रोगी का जी घबराता है, उसको सांस लेने में तकलीफ होती है, पेट की नसें
तन जाती है तथा कब्ज भी हो जाती है। छाती में जलन तथा वायु का दबाव पड़ने से हृदय की गति तेज हो जाती है।
सिरदर्द, सिर का चकराना, नाड़ी दौर्बल्य आदि विकार हो जाते हैं। डकार आने या गुदा द्वारा वायु निकल जाने के बाद रोगी को कुछ शान्ति प्रतीत होती है। यह रोग कठिनता से काबू में आता है। पेट की गैस ऊपर चढ़कर हृदय प्रदेश पर हमला करती है। सिरदर्द, चक्कर एवं नाड़ी दुर्बलता के कारण रोगी के समक्ष जीवन और मृत्यु का प्रश्न आ खड़ा होता है।
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अफारा आध्मान नाशक कुछ घरेलू प्रयोग – Flatulence Causes, remedies, and complication
- अमरबेल या आकाश बेल के बीजों को उबालकर पेट पर बाँधने से
डकारें, आदि दूर होकर पेट की पीड़ा दूर हो जाती है और अधोवायु छूटने लगती है, डकारें आकर अफारा ठीक हो जाता है। - छोटी इलायची का चूर्ण 4-6 रत्ती और भुनी हींग 1रत्ती को थोड़े नीबू
रस में मिलाकर देने से अफारा (उदर में भारीपन) के रोगी को (वायु का
अनुलोमन होकर) आराम आ जाता है। - दो ग्राम राई को शक्कर के साथ खिलाकर ऊपर से 6 रत्ती चूने को 50
ग्राम जल में मिलाकर पिलाने से आध्मान ठीक हो जाता है।
- दूषित अन्न की डकारें आती हों व उदर में वायु भरी हो तब 1 रत्ती हींग
को घी में मिलाकर निगलवाने से लाभ मिलता है। - हीरा हींग 2 रत्ती को थोड़े से जल में घिसकर कुछ गरम करलें, फिर रुई का
फोहा भिगोकर बच्चे की नाभि पर रखने से आनाह (अफारा) दूर हो जाता है। - एरन्ड तेल गरम करके उसकी पेट पर मालिश करें तथा रुई या नामे से
बच्चे के उदर पर थोड़ा सेंक करें। अफारा दूर होता है। - गेहूँ की भूसी और बाजरा दोनों 10-10 ग्राम तथा सेंधानमक, काला-जीरा,
अजवायन सभी 6-6 ग्राम लें। सबको कपड़े की पोटली में बाँधकर गरम करके उदर के ऊपर सेंक करने से आध्मान (अफारा) दूर हो जाता है। - गो-दुग्ध या सोंठ के क्वाथ में एरन्ड तैल मिलाकर पिलाने से कोष्ठ की
शुद्धि होकर उदरवात, उदरावृत और आनाह दूर हो जाता है। - बच का चूर्ण 4 से 8 रत्ती में समभाग सौंफ का चूर्ण मिला कर घृत तथा
शक्कर के साथ सेवन करने से दस्त होकर उदर का आध्मान दूर हो जाता है। - इलायची, आंवले का रस या चूर्ण में भुनी हुई हींग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और थोड़ा सा नींबू का रस एक साथ मिलाकर सेवन करें। इससे गैस, दर्द और अफारा मिट जाता है।
Note:- दोस्तों यहाँपे दिए गयी जानकारी पहले के समय में वैद्यो द्वारा दिए गयी है। अगर आप को इस बीमारी से ज्यादा परेशानी हो रही है तो हमारी आपको सलाह है की आप अपने डॉक्टर से जानकारी ले।
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