शनि जयंती 2023 पर इन मंत्रो का जाप कर के मिटाये अपनी साढ़े साठी 

कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।

शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा में इन तीन मंत्रों का जप करें और पूरे दिन भी मन ही मन इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। 

शनि स्तोत्र

नमस्ते कोणसंस्‍थाचं पिंगलाय नमोस्तुते नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमोस्तुते नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोस्तुते प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रोद्रौन्तको यम: सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत: एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय पठेत् शनैश्चरकृता पीड़ा न कदचित् भविष्यति

शनि जयंती मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभिये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्

शनिचर पुराणोक्त मंत्र1

सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:।

वैदिक शनि मंत्र

ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

शनि वेदोक्त मंत्र

ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा: