surya grahan kaise hota hai

surya grahan kaise hota hai ? What Is Solar Eclipse

*surya grahan kaise hota hai* विज्ञानिको ने तो लगभक ब्रम्हांड में होने वाले हर घटनाओ का कारन पता लगा ही लिया है  ऐसी ही हम आज के आर्टिकल में आपको एक रहष्यमई घटना जो हमारे ब्रम्हांड में प्रत्येक वर्ष में एक बार होता ही है, जी दोस्तों मैं बात कर रहा हु सूर्य ग्रहण यानि की Solar Eclipse की ।

surya grahan kaise hota hai

आज आपको surya grahan kaise hota hai , इसके बारे में बताने वाला हूँ ।




surya grahan एक वर्ष में कभी कभी २ बार भी हो जाता है। दोस्तों सूर्य ग्रहण सभी देशो में अलग अलग दिन में होता है , और अलग अलग समय में। चलिए दोस्तों आज के यह टॉपिक surya grahan kaise hota hai को डिटेल्स से समझाता हूँ ।

सूर्य ग्रहण कैसे होता है

Friends सूर्य ग्रहण को आपको एक Example के द्वारा समझाऊंगा तभी आप surya grahan kaise hota hai? इसे आप अच्छे से और बहुत बारीकी से समझ पाएंगे।




Friends जैसे ही आप घर से कही जाने के लिए बाहर निकलते है , तो आपके चेहरे पर सूर्य की किरण पड़ते है। तो आप आपने हाथ को अपने चेहरे पर रखते है। और उस तरफ अपने हाथ को रखते है जिस तरफ सूर्य की प्रकाश आपके चेहरे से पड़ते है।

तो आपके चेहरे पर प्रकाश पड़ने  बंद हो जाता है, और आपका चेहरा अँधेरा हो जाता है। और जैसे ही हाथ को दूर करते जाते है वैसे ही हाथ की परछाई चेहरे पर कम पड़ने लगती है ।

ठीक यह Concept हमे दिखाई देता है EARTH & MOON & SUN के बीच में। BASICALLY होता क्या है जिस तरह सूर्य के प्रकाश और हमारे चेहरे के बीच में हमरा हाथ आ जाता है ठीक उसी प्रकार सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है। जितने क्षेत्र में सूर्य के प्रकाश पड़ना बंद हो जाता हो, उतना क्षेत्र अँधेरा हो जाता है।

NOTE:- SUN और EARTH के बीच में MOON एक सीधी रेखा में आ जाने के कारन सूर्य ग्रहण होता है।

सूर्य ग्रहण के प्रकार

जैसे की हम जान चुके है की सूर्य पृथ्वी और चन्द्रमा तीनो एक सीधी रेखा में आ जाने के कारण सूर्य ग्रहण होता है। अब जानना है की Surya grahan kitne prakar ke hote hai ? BASICALY सूर्य ग्रहण 4 प्रकार के होते है।




1. पूर्ण सूर्य ग्रहण (TOTAL SOLAR ECLIPSE)

यह घटना उस समय होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के बहुत करीब होते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। और चन्द्रमा का छायां पृथ्वी के जितने क्षेत्र में पढता है उतना क्षेत्र अँधेरा हो जाता है। जिसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते है।

2.आंशिक सूर्य ग्रहण (PARTIAL SOLAR ECLIPSE)

यह घटना तब होता है जब चन्द्रमा , सूर्य और पृथ्वी के बीच कुछ इस प्रकार आता है की , पृथ्वी से सूर्य का कुछ ही हिस्सा दिखाई नहीं देता है। यानि की , सूर्य का थोड़ा सा भाग दिखाई देना बंद हो जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है।




3.कुंडलाकार सूर्य ग्रहण(ANNULAR SOLAR ECLIPSE)

यह घटना तब होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के अत्यंत दुरी के साथ सूर्य तीनो एक सीधी रेखा में आता है। लेकिन पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढँक पता है । तब इसे कुंडलाकार सूर्य ग्रहण कहते है।

 

इन्हे भी पढ़े :- 

Top 13 Face Shaving Tips दाढ़ी बनाने के लिए टिप्स
DIABETES MELLITYS- मधुमेह क्या है? कैसे होता है? क्या लक्षण हैं? कैसे बचें?
What is Share Market In Hindi : शेयर बाजार क्या है?




4.संकर सूर्य ग्रहण (HYBRIDE SOLAR ECLIPSE)

इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत कम होता है। हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स , पूर्ण सूर्य ग्रहण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण कहा जा सकता है। मतलब की पृथ्वी के एक तरफ से पूर्ण सूर्य ग्रहण और दूसरी तरफ से कुंडलाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देता है तब हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होता है।

सूर्य ग्रहण में क्या करे और क्या न करे

  • ग्रहण के वक़्त गायों को घास , पक्षियों को अन्न , जरूरतमंद को वस्त्र दान करने से अनेक प्रकार से लाभ होता है।
  • ग्रहण को बिलकुल भी न देखे।
  • ग्रहण के पहले का बना हुआ भोजन त्याग देना चाइये।
  • दूध या दूध से बने व्यंजनों में या तुलसी न डाले।
  • ग्रहण के सूतक से पहले गंगाजल पिए।
  • पत्ते , लकड़ी, या फुल न तोड़े।
  • सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए।
  • सूर्य ग्रहण के समय ज्यादा घर से बाहर न निकले।
  • ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
  • गर्ववती महिला को बहार नहीं निकलना चाहिए।




     FINAL WORD

FRIEND’S अब आपने जान लिया की SURYA GRAHAN KAISE HOTA HAI  , SURYA GRAHAN KITNE PRAKAR KE HOTE HAI .। सूर्य ग्रहण में क्या करे और क्या न करे। DOSTO अगर हमरी ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट शेयर जरूर करे।






error: Content is protected !!